sidh kunjika - An Overview



देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा॥

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

If a person listens to Siddha Kunjika Strotam with comprehensive devotion, the individual will surely knowledge beneficial adjustments in his/her life.

अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो get more info ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.

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सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ

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